हर साल बरसात के दिनों में डेंगू का प्रकोप फैलना शुरू हो जाता है। यह रोग ‘मादा Aedes Aegypti’ नामक मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के मुह में dengue virus मौजूद होता है जो इन्सान को काटने पर उसके खून में चला जाता है और इन्सान को डेंगू हो जाता है। यह virus शरीर में पहुँचने के बाद 3 से 5 दिनों के अन्दर अपना असर दिखने लगता है। डेंगू का मच्छर साफ़ पानी में पनपता है और ज्यादा ऊंचाई पर नहीं उड़ पाता।
यह classical dengue के नाम से भी जाना जाता है। इसका असर सामान्य तौर पर 5-7 दिनों का होता है। इसमें रोगी को पहले बहुत तेज ठण्ड लगती है फिर बुखार चढ़ आता है, इसके साथ उसे सर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द भी होने लगता है। इस बुखार के दौरान रोगी को आँखों के पिछले हिस्से में दर्द होता है जो आँखों को दवाने पर और बढ़ जाता है, शरीर में कमजोरी महसूस होती है, भूख नहीं लगती, जी मचलता है, गले में हल्का सा दर्द होता है, जी मचलता है। अधिक serious हो जाने पर रोगी के चेहरे, गर्दन और सीने में लाल/गुलाबी चकत्ते पड़ने लगते हैं।
Dengue Hemorrhagic बुखार (DHE)-
इस बुखार में रोगी को सामान्य dengue के लक्षण होने के साथ-साथ उलटी या शौच में खून आता है, मसूड़ों और नाक में से भी खून आने लगता है और त्वचा पर नीले रंग के चकत्ते पड़ने लगते हैं। इस बुखार का सही पता लगाने के लिए खून की जाँच (blood test) जरुरी होता है। इस बुखार में रोगी को साधारण डेंगू और dengue hemorrhagic के लक्षण होने के साथ-साथ तेज बुखार होने पर भी शरीर की त्वचा ठंडी रहती है, बेचैनी और बेहोशी अनुभव होती है और blood pressure एकदम low हो जाता है। डेंगू का यह प्रकार काफी खतरनाक होता है और जानलेवा भी शाबित हो सकता है, इसलिए इसमें रोगी को hospital में भर्ती कराना जरुरी होता हडेंगू रोग मच्छर के काटने से होता है, इसलिए मच्छरों की पैदावार पर रोक लगाना बेहद जरुरी होता है। इसलिए अपने घर के आसपास, छत पर और कूलर अदि के टैंकर में पानी जमा न होने दें। यदि आपके घर के आसपास कोई गड्ढा हो तो उसे भर दें जिससे उसमे पानी जमा न हो सके। नालियों आदि को साफ़ करें जिससे उनमें पानी न रुक पाए और मच्छरों को पैदा होने का अवसर न मिल सके। यदि आप आसपास के पानी को न हटा पायें तो उनमे केरोसिन या पेट्रोल डाल दें, केरोसिन और पेट्रोल पर मच्छर डूब जाता है और पनप नहीं पाता।
डेंगू का मच्छर साफ़ पानी में पनपता है, इसलिए अपने कूलर का पानी, पीने का पानी आदि को रोज बदलें।पानी की टंकी को ढक कर रखें। छत पर बर्तन, पुराने डिब्बे, टायर आदि में पानी जमा न होने दें।
यदि हो सके तो घर की खिडकियों में जाली लगवा लें जिससे मच्छर अन्दर न आ सकें।
सोने की जगह मच्छर दानी का प्रयोग करें।
यदि घर के किसी सदस्य को डेंगू हो गया हो तो उसे मच्छर दानी में जरुर सुलाएं जिससे मच्छर उसे काटकर दूसरों को न फैला सकें।
उपाय:-
1. विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे संतरा (orange), आमला और मौसंबी आदि का नियमित सेवन करें। विटामिन C से युक्त पदार्थों का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) मजबूत होती है।
2. अपने भोजन में हल्दी (turmeric)का प्रयोग करें। रोज सुबह और रात को सोने से पहले आधा चम्मच हल्दी को एक गिलास पानी या दूध में मिलकर नियमित सेवन करें। यदि आपको जुकाम है तो दूध का इस्तेमाल न करें।
3. तुलसी के पत्तों शहद (honey) में हल्का सा उबालकर सेवन करें। इससे भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उन्नत होती है।
4. पपीता के पत्ते डेंगू के रोगी के लिए संजीवनी साबित होते हैं। 2 पपीता के पत्तों को पीसकर उनका रस निकाल लें। अब इसमें थोड़ा सा शहद और संतरे का रस मिला लें। दिन में एक बार नियमित रूप से इसका सेवन करें। इससे खून में platelets की संख्या बढ़ जाती है जो डेंगू के virus से लड़ने में काफी सहायता करते हैं।
5. संतरे का रस (Orange Juice)संतरे में विटामिन भरपूर होता है जो digestive system को ठीक रखता है। संतरा खून में मौजूद antibodies को भी बढ़ाता है जिससे शरीर को डेंगू से लड़ने की शक्ति मिलती है।
6. डेंगू के कारन शरीर में पानी की कमी हो जाती है, ऐसे में नारियल पानी का सेवन पानी की कमी को दूर करता है और शरीर को पोषक तत्त्व भी प्रदान करता है।
7. खीरा (cucumber), गाजर (carrot) और अन्य सब्जियों से बने सूप के सेवन से शरीर को काफी मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं । यह आसानी से पच जाता है और कमजोरी में लाभदायक होता है।
8. निम्बू का रस खून में मौजूद विषैले पदार्थों को पेशाब के जरिये बाहर निकालकर खून साफ़ करता है। इसलिए डेंगू के रोगी के लिए निम्बू के रस का सेवन बहुत लाभदायक साबित होता है।
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