बाबा रामदेव के नुश्खे :- चर्म रोग दूर करने के जबरदस्त घरेलू उपाय


त्वचा या धर्म पर जो भी रोग होता है, वह चर्म रोग है। चर्म रोगों के अनेक नाम हैं, जैसे-खुजली, दाद, फोडे़, फुन्सी, घमोरी, सोरायसिस, हर्पीज आदि। कारण- चर्म रोग शरीर में अम्लत्व के बढ़ने, विटामिन ‘ए’ व ‘सी’, कैल्षियम की कमी से होते हैं। ये छूत से भी होते हैं। चर्म रोगों पर तेज प्रभावषाली मरहम लगाने, तेज दवाइयाँ खाने से दब जाते हैं, जड़ से ठीक नहीं होते, कुछ समय बाद पुनः प्रकट हो जाते हैं।
उपाय Upay :-
1.  चर्म रोग को ठीक करने का पहला आधार है- रक्त शुद्धि, खून की सफाई। इसके लिए लेखक की ‘षक्तिवर्धक भोजन’ में ‘रक्तविकार-रक्तषोधक’ पाठ पढे़ं और उनमें बताये पदार्थ सेवन करें। पेट साफ रखें। उपवास करें। उपवास में नीबू का पानी पीयें। तीन दिन नीबू - पानी पर उपवास करें। इसके बाद तीन दिन नारंगी, मौसमी के रस पर उपवास करें। इसके बाद भोजन में उबली हुई सब्जियाँ, सलाद, कच्ची सब्जियों का रस, मौसम के फल, गाजर का रस, आँवले का रस अधिकाधिक लें। तेज मसाले, चीनी, नमक, साबुन का प्रयोग कम-से-कम करें। धूप स्नान करें।

2.   नीबू चर्म को साफ करता है। चर्म के समस्त रोग फोड़ा-फुन्सी, दाद, खाज आदि में नीबू का रस लगाने तथा नीबू पानी में निचोड़कर धोने, नहाने एवं पीने से लाभ होता है। प्रातः दो नीबू पानी में निचोड़कर नित्य पीने से चर्म रोग ठीक हो जाता है।

3.   चर्म रोग में दो सेब नित्य खाने से लाभ होता है।

4.   यदि आपकी त्वचा तैलीय है तो आपको चाहिए कि एक सेब को अच्छी तरह पीस लें और उस लुगदी की एक पतली तह चेहरे पर चढ़ा लें। दस-मिनट बाद गरम पानी से धो डालें।

5.   टमाटर खट्टा होता है। टमाटर की खटाई रक्त साफ करती है। रक्त-षोधन के लिए टमाटर अकेले ही सेवन करना चाहिए अर्थात् किसी अन्य वस्तु के साथ नहीं लेना चाहिए। रक्त-दोष में जब त्वचा पर लाल चकत्ते उठे हों, मुँह की हड्डियाँ सूज गई हों, दाँतों से रक्त निकलता हो, स्कर्वी रोग की संभावना हो, रक्त-विकार, दाद, बेरी-बेरी हो, टमाटर का रस दिन में तीन बार नित्य पीने से लाभ होता है। यह रक्त साफ करता है। कुछ सप्ताह नित्य टमाटर का रस  पीने से चर्म रोग ठीक हो जाता है।

6.   गाजर का रस कीटाणुनाषक है और संक्रमण को दूर करता है। इससे रक्त की उत्तेजना और सड़ांध दूर हो जाती है। रक्त शुद्ध होकर खुजली, फोडे़-फुन्सी में लाभ पहुँचता है। रक्त-विकार ठीक हो जाता है। इसका रस पीते रहने से मुँहासे मिटते हैं, चेहरा सुन्दर हो जाता है। गाजर का रस चर्म रोगों में लाभदायक है, विटामिन ‘ए’ की कमी से चर्म शुष्क होता है। सर्दियों में चर्म-षुष्कता अधिक रहती है। सर्दियों में गाजर बहुत मिलती है। गाजर में विटामिन ‘ए’ बहुत मिलता है। अतः गाजर खाकर शुष्कता दूर कर सकते हैं, त्वचा साफ- गाजर का रस गर्दन व चेहरे पर रुई के फोहे द्वारा लगाकर सूखने दें, फिर ठंडे पानी से धो लें। इससे त्वचा साफ व चमकदार बनती है।

7.  खीरा चर्म रोगों में लाभदायक है।

8.  कच्चे या पकाये हुए प्याज को खाने से त्वचा का पीलापन और अस्वस्थ त्वचा ठीक हो जाती है। त्वचा का रंग सुन्दर होता है। इसको आग में भूनकर गरम-गरम फोड़ों पर बाँधने से मवाद बाहर आ जाता है। शोथ, जलन, दर्द आदि को आराम पहुँच जाता है और घाव षीघ्र भर जाता है। संक्रमण का घाव भी नहीं रहता। होम्योपैथिक डॉक्टर्स कूक, गेब्रील और मिनचेन कहते हैं कि एक भाग प्याज के रस को चार भाग पानी में मिलाकर सडे़ हुए मवाद-भरे घाव को धोने और बाद में इसी घोल में तर किया हुआ गाज (कपड़ा) घाव पर बाँधने से घाव ठीक हो जाता है। यह रक्त साफ करता है, कीटाणुओं को मारता है, खुजली मिटाता है।

9.  गोभी में क्षारीय तत्त्व होते हैं। गोभी में पाया जाने वाला सल्फर और क्लोरीन का मिश्रण म्यूकस मेम्बरीन तथा आँतों की सफाई करता है। ये सब क्षार शरीर व रक्त को साफ करते हैं। इससे चर्म रोग नष्ट होते हैं।

10. चर्म रोगों में बथुआ उबाल कर निचोड़कर इसका रस पीवें तथा सब्जी खायें। बथुए के उबले हुए पानी से चर्म को धोयें। बथुए के कच्चे पत्ते पीसकर निचोड़कर रस निकाल लें। दो कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाकर मंद-मंद आग पर गर्म करें। जब रस जलकर तेल ही रह जाये तो छानकर चर्म रोगों पर लगायें। लम्बे समय में लाभ होगा।

11. गर्मी में होने वाले चर्म रोगों में खसखस का शर्बत नियमित पीते रहने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। संक्रामक चर्म रोग व बच्चों के निकलने वाले फोड़े-फुन्सी ठीक हो जाते है।

12. जिन्हें खुजली हो चीनी व चीनी से बनी चीजें टॉफी, मिठाइयाँ नहीं खावें, खुजली ठीक हो जावेगी।

13. हरा पोदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगा दें। यह त्वचा की गर्मी निकाल देता है।

14. विषेषतः खर्रा, दुष्ट अकौता तथा दाद की तरह कठिन, गुप्त एवं सूखे चर्म रोगों में गेहूँ को गर्म तवे पर खूब अच्छी तरह भूनकर, जब वह राख की तरह हो जाए तो उसे खरल में अच्छी तरह पीसकर शुद्ध सरसों के तेल में मिलाकर सम्बन्धित स्थान पर लगाने से कई वर्षों के असाध्य एवं पुराने चर्म -रोग ठीक हुए हैं।

15. त्वचा के रोगों में लाल मिर्च का तेल लगाना लाभदायक है। यह वर्षों  से होने वाली फुन्सियों पर लगाने से अधिक लाभ देता है। लाल मिर्च 125 ग्राम और सरसों का तेल 375 ग्राम दोनों को गरम करें। अच्छी तरह उबलने पर छान लें। यही लाल मिर्च का तेल है।

16. सर्दियों में होने वाले चर्म-रोगों में गर्म पानी में नमक मिलाकर नहाना लाभदायक है। त्वचा शुष्क-खुष्क हो, हाथ-पैर फटते हों तो गर्म पानी में नमक मिलाकर धोयें, सेक करें। इससे त्वचा कोमल हो जायेगी।

17. दाद, खाज, खुजली, फुन्सियाँ होने पर गर्म पानी में अजवाइन पीसकर लेप करें। अजवाइन को पानी में उबाल कर धोयें, लाभ होगा।

18. नीम- अप्रैल के प्रथम सप्ताह में नीम की कोपलें घोट कर लेने से फोडे़-फुन्सी, दाद, खुजली रक्त के रोग तथा वात, पित्त, कफ का नाष होता है। मात्रा 30 ग्राम नीम की कोपलें (नये निकलने वाले पत्ते) पीसकर पानी में मिलाकर नित्य पियें। फोड़ा फूटकर मवाद बहता हो तो नीम के पत्ते पीसकर शहद में मिलाकर लगायें।

19. चर्म रोग पर पुदीना का ताजा रास लगने से रहत मिलती है|

20. चकोतरे का रस पीने से त्वचा के विकार दूर होते है|

21. पिसी हुई हल्दी सरसों के तेल में मिलकर लगने से चर्म रोग दूर होते है |

22. त्वचा का रोग होने पर अंजीर की जड़ पीसकर लगने से बहुत अधिक फायदा होता है |

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