बाबा रामदेव के नुश्खे
सर्दी-जुकाम, कफ और कोल्ड का इलाज
जुकाम विश्व में सबसे ज्यादा होने वाले संक्रामक रोगों में से एक है। अक्सर जुकाम को साधारण मानकर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता किन्तु यही जुकाम बिगड़कर निमोनिया, साइनोसाइटिस जैसी अनेक बीमारियों का सबब बन सकता है। जुकाम को नजला, Cough और Cold, Cold तथा सर्दी जुकाम नामों से भी पुकारा जाता है तथा Nasal Allergy, Allergic Rhinitis, Nasopharynges आदि से इसकी तुलना की जाती है।
उपाय इलाज:-
o जुकाम होने पर पानी, सूप आदि के रूप में पर्याप्त तरल पदार्थ लेते रहें।
o अदरक का एक छोटा टुकड़ा पानी में उबालकर उसमें चुटकी भर नमक डालकर गरारे करने से गले के दर्द, बन्द नाक, गले की खराश में तुरन्त आराम आता है।
o गरम पानी में विक्स या धारा डालकर भाप लेने से श्वांस मार्ग, गले एवं नासिका में चिपका हुआ कफ ढीला होकर बाहर निकल जाता है जिससे आराम महसूस होता है।
o पर्याप्त आराम करने से जुकाम में शीघ्र लाभ होता है।
o तुलसी, अदरक, कालीमिर्च एवं लोंग की चाय नजला ,जुकाम, सर्दी खाँसी में बहुत फायदेमंद है।
o तुलसी और अदरक का थोड़ा रस निकालकर गरम करके गुनगुना रहने पर थोड़ा शहद मिलाकर लेना फायदेमंद है।
o एक गिलास गरम ढूध में चुटकी भर हल्दी एवं सौंठ पावडर डालकर पीने से खाँसी, जुकाम में आराम मिलता है।
o 50 ग्राम भुने चने कपड़े की पोटली में बांधकर रात में तवे पर गरम करके सूंघने पर नाक खुल जाती है।जुकाम में आराम मिलता है।
o नहाने के बाद सरसों के तेल को अंगुली से नासिका में लगाना जुकाम से बचाता है।
o उपरोक्त उपायों में से जरुरत के अनुसार 1-2 उपाय काम में लें।
o सितोपलादि चूर्ण ½ चम्मच मात्रा में दिन में 2-3 बार शहद से चाटना खाँसी, जुकाम में तुरन्त आराम देता है।
o लक्ष्मी विलास रस की 1-1 गोली दिन में 2 या 3 बार गरम पानी से लेना फायदेमंद है।
o मुलहठी चूर्ण एक चौथाई चम्मच मात्रा में शहद के साथ 2-3 बार चाटना खाँसी ( Cough ) में तुरन्त आराम देता है।
o हर्बल चाय भी सर्दी, खाँसी, जुकाम में बहुत फायदेमंद है।
o गिलोय के काढ़े में तुलसी, कालीमिर्च, लौंग एवं शहद डालकर पीना सर्दी, जुकाम, बुखार में बहुत उपयोगी है।
o गले में खराश, खिच-खिच या खाँसी में व्योषादी वटी, लवंगादि वटी तुरन्त आराम देती है।
o इनके अलावा भी आयुर्वेद की अनेक दवाएं हैं जो Sinusitis, Tonsillitis, Allergic Rhinitis, Nasopharynges आदि में बहुत उपयोगी हैं किन्तु इन सबको आयुर्वेद चिकित्सक की राय से ही लेना होता है।
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