भूल से भी इस दिन पति-पत्नी न बनाएं संबंध, वरना पूरी जिंदगी पश्चताना पड़ेगा
दोस्तों आपको बता दें कि हमारे धर्म शास्त्रों में व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक के हर क्रियाकलाप की जानकारी दी गई है। जिसके पीछे कोई न कोई रहस्य जरूर छुपा होता है। ठीक उसी प्रकार आज हम आपको पति और पत्नी के बीच बनने वाले शारीरीक संबंध के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत कुछ बातें शास्त्रों में बताई गई है। मनुष्य के अन्य संस्कारों की तरह ही शास्त्रों में गर्भसंस्कार का भी उल्लेख किया गया है। जिसमें यह बताया गया है कि किस दिन व किस अवस्था में पति और पत्नी को संबंध बनाना निषेध है और किस दिन बनाना चाहिए।
दोस्तों हमारे शास्त्रों में गर्भ उपनिषद से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य बताए गए हैं जिसमें स्त्री-पुरुष के संबंध बनाने से लेकर किस प्रकार से माता के गर्भ में शिशु का विकास होता है और माँ के गर्भ के भीतर 9 महीने तक वह क्या क्या सोचता है, इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं ये भी बताया गया है कि किस प्रकार से एक किन्नर बच्चे की उत्पत्ति होती है। हिन्दू शास्त्रों में से आज हम कुछ ऐसे ‘गर्भ संस्कार’ के नियमो के बारे में बताएंगे कि किसी भी पति-पत्नी को इस दिन शारीरिक संबंध बिलकुल नहीं बनाने चाहिए।
दोस्तों गर्भउपनिषद में यह बताया गया है कि मंगलवार के दिन संतान प्राप्ति के लिए बहुत अशुभ होता है क्योंकि मंगल शनि का स्वामी होता है। मंगल को अत्यंत क्रोधी एवं विनाशकारी ग्रह माना जाता है। यदि पति-पत्नी संतान प्राप्ति के लिए विचार कर रहे हैं, तो उन्हें इन दिनों का परहेज अवश्य करना चाहिए। मंगलवार के दिन वो भूल कर भी संबंध न बनाए।
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