क्या आप जानते हैं डॉक्टर इतना गंदा क्यों लिखते हैं ?


नमस्कार दोस्तों आज का लेख बहुत ही खास है। आपको बता दे कि जब भी हम लोग बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जांच करवाने जरूर जाते हैं। डॉक्टरहमारा टेस्ट करने के बादहमें दवाइयाँ और कुछ जरूरी हिदायतें लिख कर देता है। डॉक्टर हमको पर्ची में दवाइयाँ तो लिख देता है लेकिन उसने कौन सी दवाइयाँ लिखी है यह हम नहीं पढ़ पाते हैं। इसलिए तो कहा जाता है कि डॉक्टर का लिखा मेडिकल स्टोर वाले ही पढ़ सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर लोग इतना गंदा क्यों लिखते हैं? आज हम आपको इस सवाल का जवाब अपने इस लेख में बताएंगे।

दोस्तों आपके मन में हमेशा यही सवाल आता होगा कि आखिर डॉक्टर इतनी गंदी हैंडराइटिंग क्यों लिखते हैं?इसका जबाव जानने के लिए हमने एक महिला डॉक्टर से बात की, महिला डॉक्टर का यही कहना है कि डॉक्टरों ने डॉक्टर बनने से पहले बहुत ज्यादा मेहनत की होती है। और उन्होनें बहुत ही कम समय में बहुत से बड़े-बड़े एग्जामपूरे किये होते हैं। वे अपना समय बचाने के चक्कर में हमेशा बहुत तेजी से लिखते हैं और तेज तेज लिखने की वजह से ही उनकी हैंडराइटिंग आज इतनी बुरी हो गई है कि अब वह लोगों के समझ में ही नहीं आती है।
दोस्तों आपको बता दें MCI मेडिकल काउन्सिल ऑफ इंडिया ने डॉक्टर्स से खास तौर पर यह कहा है कि वह कोई भी दवाई लिखते हैं तो उसे कैपिटल लेटर्स में ही लिखें और मरीज को भी लिखकर जरूर समझाए। इसलिए दोस्तों अगर आपको भी कोई डॉक्टर खराब सी हेंडराइटिंग में पर्ची पर दवाएं लिखकर देता हैं तो आप उनसे साफ-साफ हैंडराइटिंग में लिखकर दवाई देने का अनुरोध करें। यह आपका हक है।

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